Tareef Shayari: दोस्तों अगर आप किसी व्यक्ति की तारीफ शायरी या किसी की प्रशंसा में शायरी ढूंढ रहे हैं तो आपको यहां मिलेगा। सौंदर्य को एक गुण की तरह देखा जाता है जैसे कि आकार, रंग या रूप जो हमारे सौंदर्य को प्रसन्न करता है।
हालाँकि, आप जो देखते हैं, उससे कहीं अधिक सुंदरता है, यह सिर्फ नहीं है कि आप बाहर से कैसे दिखते हैं, बल्कि आप अंदर से कौन हैं, यह सच्ची सुंदरता को निर्धारित करता है।
तारीफ शायरी | Tareef Shayari

तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा।

कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,
कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं,
उनकी बातों का अजी क्या कहिये,
अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।

तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,
किस लिए देखती हो आईना,
तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।
Khubsurti Par Shayari

हसी फूलों को आती है,
जब आप मुस्कुराते हो,
हमारी दुनिया बदल जाती है,
जब आप मुस्कुराते हो,
आपकी मुस्कुराहट के आगे भला,
क्या चाँद की रौनक,
हुज़ूर खुद चाँद भी शरमाता है।

कातिल तेरी अदाओं ने लूटा है,
मुझे तेरी जफ़ाओं ने लूटा है,
शौक नही था मुझे मर मिटने का,
मुझे तो इन नशीली निगाहों ने लूटा हैं।
कुछ आपका अंदाज़ है,
कुछ मौसम भी रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ,
जुर्म दोनो ही संगीन है।
Sundarta Shayari

फूलों से खूबसूरत कोई नहीं,
सागर से गहरा कोई नहीं,
अब आपकी क्या तारीफ करू
खूबसूरती में आप जैसा जैसा कोई नहीं।

जरा संभल कर रहना यारों,
तारीफों के पुल के नीचे,
मतलब का दरिया बहता है,
जरूरत पड़ने पर खुदा भी सलाम कहता है।

सुन्दर हो न हो,सादगी होनी चाहिए,
खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए,
रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए,
मुलाकात हो न हो, बाते होनी चाहिए।
Beauty Shayari in Hindi

आँखों मे आँसुओं की लकीर बन गई,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई,
हमने तो सिर्फ रेत में उँगलियाँ घुमाई थीं,
गौर से देखा तो आप की तस्वीर बन गई।

लोग शायरी समझ बैठे,
आप के हुस्न की तारीफ को,
आप से प्यार क्या हो गया,
लोग हमें नाकारा समझ बैठे,
सोचा था आप समझेंगे हाल-ए-दिल,
लेकिन आप तो सब की तरह हमें आवारा समझ बैठे।

भगवान ने जब तुझे बनाया होगा,
एक बार उसका ईमान भी डगमगाया होगा,
सोचता होगा रख लूँ तुझे अपने साथ जन्नत में,
फिर उसे मेरा भी तो ख्याल आया होगा।
Shayari on beautiful face

सबके चेहरे में वह बात नहीं होती,
थोड़े से अँधेरे में रात नहीं होती,
ज़िन्दगी में कुछ लोग बहुत प्यारे होते है,
क्या करे उन्ही से आजकल मुलाकात नहीं होती।

माना की तेरे शहर में गरीब कम होंगे,
अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीदार हम होंगे,
तुझे पता ना होगी तेरी क़ीमत पर,
तुझको पाकर सबसे अमीर हम होंगे।

गम नहीं वहाँ, जहाँ हो फ़साना आपका,
ख़ुशी भी ढूंढती है हर पल फ़साना आपका,
आप उदास ना होना कभी ज़िंदगी में,
बहुत अच्छा लगता है हमें मुस्कुराना आपका।
Praise Shayari

तक़दीर से तब हमे हिस्सा मिलता है,
प्यार भरा कोई जब रिश्ता मिलता है,
रोशन हो जाती है सारी दुनिआ,
जब रिश्तों में आप जैसा फ़रिश्ता मिलता है।
एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
लबों के आसपास,
डर है कहीं तेरी मुस्कुराहट को,
कोई नज़र न लगा दे।
अभी इस तरफ़ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,
तुझे आईने में उतार लूँ।
तेरी पलकों की छांव में मेरी शाम गुज़र जाए,
एक बार देखा जो फिर मुस्कुरा कर यूँ,
कहीं इससे मेरी धड़कने न रुक जाए।
आप जब सामने से गुजर जाते है,
अरमान दिल के उभर जाते है,
देख कर आपकी प्यारी सूरत,
सहमे हुए फूल भी निखर जाते है।
मेरे मिजाज की क्या बात करते हो साहब,
कभी-कभी मैं खुद को भी जहर लगती हूँ।
कितनी खूबसूरत हैं आँखें तुम्हारी,
बना दीजिये इनको किस्मत हमारी,
इस ज़िंदगी में हमें और क्या चाहिए,
अगर मिल जाए मोहब्बत तुम्हारी।
ख्वाहिश ये बेशक नही की “तारीफ” हर कोई करे,
मगर “कोशिश” ये जरूर है कि कोई बुरा ना कहे।
सपनो की दुनिया में हम खोते गए,
होश में थे फिर भी मदहोश होते गए,
जाने क्या जादू था उस अजनबी चेहरे में,
खुद को बहुत रोका फिर भी उसके होते गये।
मत मुस्कुराओ इतना,
कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफ
और तुम्हें नजर लग जाएँ।
नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखे,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है।
अभी इस तरफ़ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,
तुझे आईने में उतार लूँ।
सोचता हु हर कागज पे तेरी तारीफ करु,
फिर खयाल आया कहीँ पढ़ने वाला भी
तेरा दीवाना ना हो जाए।
इन आँखों को जब-जब तेरा दीदार हो जाता है,
दिन कोई भी हो, लेकिन मेरे लिए वो खास हो जाता है।
वो निगाहों से यूँ शरारत करते हैं,
अपनी अदा से भी कयामत करते हैं,
निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं,
और वो हमारी नज़रो से शिकायत करते हैं।
हुस्न वालों को संवरने की क्या जरूरत है,
वो तो सादगी में भी क़यामत की अदा रखते हैं।
ना चाहते हुए भी आ जाता हैं लबों पे तेरा नाम,
कभी तेरी तारीफ में तो कभी तेरी शिकायत में।
मुझे देख कर तेरा मुस्कुरा देना,
मुझे कई सारे सपने दिखा जाता है,
तेरे संग ज़िन्दगी गुजारूं,
मेरी हर धड़कन कह जाती है।
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