Khamoshi Quotes In Hindi: आज के इस लेख में आपके लिए ख़ामोशी कोट्स लेके आए है। इस तरह की ख़ामोशी कोट्स आपको मिलना मुश्किल है। आप यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते हैं।
Khamoshi Quotes in Hindi

ख़ामोशी में भी मुझे तुम सुनाई देते हो,
आँखें बन्द करता हूँ तुम दिखाई देते हो,
खैर तुम्हे कहा समझ आएगा मतलब इसका,
तुम तो हर रोज़ नये आशिक के साथ दिखाई देते हो।

ख़ामोशी वो सजा है, जिसमें आप किसी को कुछ कह नहीं पाते,
ख़ामोशी वो सजा है, जिसमें आप अपने आप से बहुत कुछ कहते रहते हैं।

ना हम कुछ बोल पाते हैं ना वह कुछ कह पाते हैं,
एक दूसरे को देख कर गुजर जाया करते हैं,
कब तक चलता रहेगा यह सिलसिला,
यह सोचकर दिन गुजर जाया करते हैं।

मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता,
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तू ने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं।

मैं खामोशी तेरे मन की,
तू अनकहा अलफाज़ मेरा,
मैं एक उल्झा लम्हा,
तू रूठा हुआ हालात मेरा।
Khamoshi Quotes

खामोश मोहब्बत का एहसास है वो,
मेरे ख्वाहिश मेरे जज़्बात है वो,
अक्सर ये ख्याल क्यूँ आता है दिल में,
मेरी पहली और आखिरी तलाश है वो।

हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है,
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है,
हम हर बार खामोश रह जाते है,
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है।

घर के हालात देख खामोश हो जाता हूं,
घर में सबको खुश रखना चाहता हूं,
पर अक्सर इस काम में फेल हो जाता हूं
इस बात को मैं बिल्कुल सह नहीं पाता हूं।

खामोशी को इखतियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिंदगी का असली दर्द लेना हो तो,
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।

ये तुफान यूँ ही नहीं आया है,
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी,
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का,
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी।

जब खामोश आंखो से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोए रहते हैं,
ना जाने कब दिन और कब रात होती है।
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मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।

मेरी खामोशी थी जो सब कुछ सह गयी,
उसकी यादें ही अब इस दिल में रह गयी,
थी शायद उसकी भी कोई मज़बूरी,
जो मेरी जिंदगी की कहानी अधूरी ही रह गयी।

जब कोई ख्याल दिल से टकराता है,
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है,
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है,
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है।

उसके प्यार की वजह से जुबान पे छायी है ख़ामोशी,
वरना हमारे ऐटिटूड के आगे बढे बड़ों की जुबान खामोश रहती है।

उसकी ख़ामोशी से डर लगता है,
दूर न हो जाये मुझसे ऐसा क्यों लगता है,
ज़माने से उसे छीन लेने का हौसला है मुझ में,
लेकिन वह साथ न देगा ऐसा क्यों लगता है।
खामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली मुझसे मेरी मोहब्बत,
मैंने तो किसी का दिल दुखाया न था।
Waqt Khamoshi Shayari
उसे बेचैन कर जाएंगे हम भी,
ख़मोशी से गुज़र जाएंगे हम भी,
हमे छूने की ख़्वाहिश कौन करता है,
कि पल भर में बिखर जाएंगे हम भी।
आज मिले तो लैब पे शिकवा आ गयी,
फिर ख़ामोशी हमारे बीच आ गयी,
हम खड़े रहे बहुत देर तक और वो चले गये,
हम खफा खफा से यु उलझे रहे,
और वो प्यारा सा टेडी लेकर आ गयी।
सब फूलों की जुदा कहानी है,
खामोशी भी तेरे प्यार की निशानी है,
ना कोई ज़ख्म है, फिर भी ऐसा एहसास है,
कोई आज भी दिल के पास है।
सूरज, चाँद और रौशनी इनमें ही बयां कर देती है,
खामोशियाँ पर अधूरी सी रह जाती है,
ये गजले मेरी क्यो है ये बेरुखी सी दुनिया।
खामोशियाँ अक्सर कलम से बया नहीं होती,
अँधेरा दिल में हो तो रोशनी से आशना नहीं होती,
लाख जिरह कर लो अल्फाज़ो में खुद को ढूंढ़ने की,
जले हुए रिश्तो से मगर रोशन शमा नहीं होती।
भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे,
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है।
गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए,
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती।
मुस्कुराने से किसी का किसी से प्यार नहीं होता,
आश लगाने का मतलब सिर्फ इंतजार नहीं होता,
माना खामोश था मै उस वक़्त,
पर मेरी ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता।
चहतो ने किया मुझ पर ऐसा असर,
जहा देखू में देखु तुझे हमसफ़र,
मेरी खामोशियां मेरी ज़ुबान बन गयी,
मेरी वैचानिया मेरि दास्तान बन गयी।
ख्वाहिश तो यही है कि तेरी बाहों में पनाह मिल जाए,
शमा खामोश हो जाए और शाम ढल जाए,
मोहब्बत तो इतना करें कि इतिहास बन जाए,
और तेरी बाहों से हटने से पहले ये शाम हो जाए।
हर वक्त दोस्तों ने खूब हंसाया,
जब दोस्तों से मिलकर घर आया,
तब अकेलापान ने मुझे फिर सताया,
हंसते चेहरे पर खामोशी का ढेरा छाया।
जीवन की तमन्ना है, उसे अपनी ख़ुशी देकर मैं उसके दर्द को थोड़ा कम करदूँ,
बस यही जीवन की तमन्ना है, उसकी जीवन की सारी ख़ामोशी को ख़तम करदूँ।
Rishte Khamoshi Shayari
अपने खिलाफ बाते में अक्सर ख़ामोशी से सुनता हूं,
जवाब देने का काम मैंने वक़्त को दे रखा है।
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ,
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की,
हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो मुहब्बत का,
कभी खुद से भी पूंछा है इतनी खूबसूरत क्यों हो।
मेरी खामोशियाँ हमेशा आपके इंतज़ार में रहती हैं,
मेरी खामोशियाँ मुझसे हमेशा यही सवाल करती हैं,
ये इंतज़ार कब ख़तम होगा।
भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है,
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है,
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है,
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है।
हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है,
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है,
हम हर बार खामोश रह जाते है,
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है।
पलकें झुकी थी उनकी ऐसा लगा जैसे उनके,
अपनों में हम शरीख हो गये,
बेखबर थे हम कि उनकी इन्ही ख़ामोशी,
की वजह से हम ज़लील हो गये।
अपने दिल के जज्बात को छुपा नहीं सकता,
तुझे जानकर कभी रूला नहीं सकता,
अनजाने में हुई गलती को माफ कर दो,
तेरी खामोशी को मैं सह नहीं सकता।
हर जगह बैठना इंतज़ार नहीं होता,
किसी की ख़ामोशी का मतलब इंकार नहीं होता,
नज़रें तो हर एक से मिलती हैं,
हर नज़र का मिलना प्यार नहीं होता।
हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके,
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता।
मुझसे नहीं कटती अब ये दर्द भरी रात,
मुझसे नहीं कटती अब ये ख़ामोशी भरी रात,
मुझे तो अच्छी लगती हैं सिर्फ़ तुम्हारे संग भरी रात।
दिल चाहता है तुमसे प्यारी सी बात हो,
खमोश तराने हो लंबी सी रात हो,
फिर उनसे रात भर यही मेरी बात हो,
तुम मेरी जिंदगी हो तुम ही मेरी कायनाथ हो।
तुझे पाने के लिए दिल जिद करता है,
पर तेरी खामोशी से ये दिल डरता है,
तू मेरे लिए बहुत ज्यादा खास है,
इसलिए तेरी परवाह करता है।
Khamoshi Shayari
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता,
बेचारा दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क समझ बैठा।
तुम्हारा होकर भी मेरा न होना,
तुम्हारे प्यार में मेरा हर पल खोये रहना,
उस पर तेरी ख़ामोशी, बड़ा बेचैन करती है।
दिल की ख़ामोशी से सांसें रुक जाने तक,
याद आएगा मुझे शख्स वो मर जाने तक,
उसने उल्फ़त के भी पैमाने बना रखे थे,
मैंने चाहा था उसे हद से गुज़र जाने तक।
मुद्दतों बाद आया हूँ तेरे दर पे,
अपना चेहरा तुझे मैं न दिखाऊँगा,
आ जा तू खिड़की पर एक बार अपने,
खामोश हो जाऊंगा पर तेरा नाम न कभी जुबां पर लाऊंगा।
खामोशी और तन्हाई हमें प्यारी हो गई है,
आजकल रातों से यारी हो गई है,
सारी सारी रात तुम्हें याद करते हैं,
शायद तुम्हें याद करने की बीमारी हो गई है।
तुम्हारी खामोशी मुझे सता रही है,
मेरी दिल की बेचैनी को बढ़ा रही है,
तुम्हें क्या हुआ है मुझे ये नहीं पता,
क्या मैंने की है कोई खता,
जिसकी खामोश रहकर दे रही हो मुझे सजा।
शांत रह कर लोगों की नज़रों में बेवकूफ दिखना सही है,
मुक़ाबले इसके की हम कुछ भी बोल दें और बेवकूफ कहलाएं।
किसी की ख़ामोशी को उसकी कमजोरी मत समझना,
क्योंकि कभी-कभी राख के नीचे आग छिपी होती है।
प्यार मोहब्बत नहीं तो कुछ शिकवा शिकायत ही कर लो,
मीठी बातें नहीं तो कड़वी बात ही करलो,
पर अपने होठों से ख़ामोशी तो दूर कर लो।
उसके बिना अब चुपचुप रहना अच्छा लगता है,
ख़ामोशी से दर्द को सहना अच्छा लगता है,
जिस हस्ती की याद में दिन भर आंसू बहते हैं,
सामने उस के कुछ न कहना अच्छा लगता है,
मिल कर उस से बिछड़ न जाऊं डरती रहती हूँ,
इसलिए बस दूर ही रहना अच्छा लगता है।
उम्मीद करते है की, आपको यह हमारा ख़ामोशी कोट्स आपको जरूर पसंद आया होगा। आप हमारा यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते है, और हमें कमेंट में बता सकते है आपको हमारा यह लेख कैसा लगा।
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