150+ Dhoka Shayari in Hindi | धोखा शायरी

धोका शायरी भारत में कविता का एक लोकप्रिय रूप है। यह आमतौर पर हिंदी और उर्दू भाषाओं में लिखा जाता है। धोका का अर्थ है “विश्वासघात” और शायरी का अर्थ है “कविता”।

‘धोका शायरी’ शब्द सबसे पहले प्रसिद्ध लेखिका, लेखक और पत्रकार महाश्वेता देवी द्वारा गढ़ा गया था। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘अरण्यर अधिकार’ में पुरुषों द्वारा महिलाओं के साथ विश्वासघात का वर्णन करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया।

हालाँकि, ‘धोका’ नामक फिल्म की रिलीज़ के बाद ही इसका व्यापक रूप से कविता के संदर्भ में उपयोग किया जाने लगा, जो टूटे हुए रिश्ते पर दुख या दुख व्यक्त करती है।

समय के साथ यह शैली विकसित हुई है जिसमें कवि विभिन्न शैलियों और तकनीकों का उपयोग करके अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करते हैं

Rishte Dhoka Shayari

dhoka shayari

दीवानगी का सितम तो देखो,
कि धोखा मिलने के बाद भी
चाहते है हम उनको।

rishte dhoka shayari

आंखों से आंसू नहीं रुक रहे,
और एक तू है की हस के बात कर रही है,
लहजे में माफी और आंखों में शरम तक नहीं,
ये एक्टिंग का कोर्स तू ला जवाब कर रही है।

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Time Pass!
कितना मस्त शब्द है ना,
वैसे एक को ख़ुशी मिलती है
दूसरे को बुरा लगता है,
अंत में एक दूसरे को खोकर दोनों रोते हैं।

pyar me dhoka shayari

धोखेबाज हैं यह दुनिया वाले,
इस्तेमाल करना खूब जानती हैं,
दिल को खुद ही तोड़ कर,
हाल पूछना भी खूब जानते हैं।

dhoka shayari hindi

अपने दिल का दर्द उसे बताना चाहता हूँ,
उसे कितना चाहता हूँ उसे महसूस कराना चाहता हूँ,
कितना रोया हूँ, उसे पाने के लिए
उसकी गोद में सर रखकर, उसे बताना चाहता हूँ।

सच्चे दिल जब मिलते है,
तो ‘धोखे’ का वजूद नहीं छोड़ते।

Dhoka Bewafa Shayari

bharosa rishte dhoka shayari

यक़ीन, उसी के वादे पे लाना पड़ेगा,
ये धोका तो दानिस्ता खाना पड़ेगा।

boyfriend dhoka shayari

हर भूल तेरी माफ़ की,
हर खता को तेरी भुला दिया।
गम ये है कि मेरे प्यार का,
तूने बेवफा बनके सिला दिया।

matlabi rishte dhoka shayari

किसी ने मुझसे पूछा कि,
पूरी जिंदगी में क्या किया,
हंसकर उनको जवाब दिया,
मैंने किसी के साथ धोखा नहीं किया।

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उनपर जितना ज्यादा भरोसा किया,
उतना ही ज्यादा धोका देकर वो चले गए।

sad dhoka shayari

किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारों,
ज़िन्दगी कभी मौका देती है, तो कभी धोखा भी देती है।

pyar me dhoka shayari hindi

पहले उन्होंने हमारा दिल चुराया,
फिर उस दिल से अपना दिल लगाया,
थोडा बहुत खेलकर हमारे दिल से,
फिर तोड़ने के लिए जोरो से गिराया।

Pyar Me Dhoka Shayari

dosti me dhoka shayari

कदम-कदम पर बहारों ने साथ छोडा,
जरुरत पडने पर यारों ने साथ छोडा,
वादा किया सितारों ने साथ निभाने का,
सुबह होते ही सितारों ने साथ छोडा।

dosti dhoka shayari

तेरी यादों के नशे में हूँ,
अब सब भूल रहा हूँ,
बस तुझे ही लिखता रहता हूँ,
और मशहूर हो रहा हूँ।

apno ka dhoka shayari

मुझ पर हक तुमने उस दिन खो दिया था,
जिस दिन तुमने मुझे धोखा दिया था।

bewafa dhoka shayari

जबसे प्यार में धोका खाया है,
हर हुस्न वालों से डर लगता है,
पहले अंधेरे की आदत नहीं थी मुझे,
अभी उजालों से डर लगता है।

pyar dhoka shayari

मोहब्बत बहुत करती हो,
कभी दिल लगा कर तो देखो,
पूरी ताकत लगा लो,
मेरी मोहब्बत के आस पास आकर तो देखो,
मैंने नंबर आज तक नहीं बदला,
कभी कॉल लगा कर तो देखो।

dhoka shayari 2 lines

मोहब्बत सीखा कर जुदा हो गए,
न सोचा न समझा खफा हो गए,
दुनिया में किसको हम अपना कहें,
अगर तुम हमसे बेवफा हो गए।

Boyfriend Dhoka Shayari

dhoka shayari image

तेरी बेवफाई का किस्सा जब-जब याद आएगा,
मेरे तन बदन में एक आग सी भड़कायेगा,
जो तूने किया, कोई दुश्मन भी नहीं ऐसा करता
देख लेना एक दिन तू भी बोहत पछतायेगा।

मेरे साथ धोखा तो उन लोगों ने किया,
जिन्होंने अपना होने का दावा सबसे ज्यादा किया।

पल पल उसका साथ निभाते हम
एक इशारे पे दुनिया छोड़ जाते हम
समुद्र के बीच में पहुच कर फरेब किया उसने
वो कहता तो किनारे पर ही डूब जाते हम।

हर बात हमसे छुपाई तुने,
मैं तेरे जाल में फसता गया, मुझे फसाई तुने
तेर घर में हर किसी से मिला हूँ,
कोई ऐसा तो नहीं उनमें,
फिर ये संस्कार कहा से पाई तुने।

मुझे साल लग गए उसे अपना बनाने में,
उसने एक पल की देरी ना कि मुझे ठुकराने में,
बात क्या चली उसकी शादी की,
वो एक पल न रुकी खुद को सजाने में।

Rishte Dhoka Rishte Matlabi Shayari

दिल किसी से तब ही लगाना,
जब दिलों को परखना सिख लो,
हर एक चेहरे की ‘फितरत’ में वफादारी नहीं होती।

शायद देने के लिए कुछ नहीं था उनके पास,
तो धोखा ही दे दिया।

अपने तो वो बस बना करते थे हमारे सामने,
हक़ीकत में उनसे बड़ा कोई गैर नहीं था।

वक्त खराब था या मेरी किस्मत,
इतना प्यार देकर भी मुझे धोखा मिला।

धोखा देकर कोई नहीं बचता इस जिंदगी में,
किसी ना किसी की बद्दुआ,
जिंदगी तबाह कर ही देती है।

Bharosa Rishte Dhoka Shayari

अपनों की फितरत में ही है धोखा देना,
क्यूंकि गैरों से मिले धोखे का तो दर्द भी नहीं होता।

बताओ अब कौन-से मौसम में उनकी आस लगाए,
जब पहली बारिश में भी उनको हम याद ना आये।

यू तो हर दिल में एक कशिश होती है,
हर कशिश में एक ख्वाहिश होती है,
मुमकिन नही सभी के लिए ताज-महल बनाना,
लेकिन हर दिल में एक मुमताज़ होती है।

यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझे,
ख़ुशी है कि तुम उम्मीद पे खरे उतरे।

हम उसे याद बहुत आएँगे,
जब उसे भी कोई ठुकराएगा।

भरोसा जितना कीमती होता है,
धोका उतना ही महंगा हो जाता है,
ईमानदारी का दाम कौन जाने,
यहां हर बेइमान राजा हो जाता है।

Dhoka Dosti Sad Shayari

उन्होंने हमे आजमाकर देख लिया,
एक धोका हमने भी खाकर देख लिया,
क्या हुआ हम हुए जो उदास,
उन्होंने तो अपना दिल बहलाके देख लिया।

वो इसे मुझसे ज्यादा चाहेगा,
कुछ दिनों में ये भरम टूट जायेगा,
मैं ज़रूर याद आऊंगा उस बेवफा को,
जब उसका साथ बेवजह उस से रूठ जायेगा।

इंसान सब कुछ भूल जाता है,
सिवाए उन लम्हों के,
जब उसे अपनों की ज़रूरत थी
और वो साथ नहीं थे।

टुटा हो दिल तो दुःख होता है,
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का अहसास तो तब हो है,
हमारे बदले उसके दिल में कोई और होता है।

वही इज्जत, वही प्यार, वो फिर से पाना चाहती हैं,
फिर से मोहब्बत जागी हैं, उसके दिल में, बताना चाहती हैं,
लगता हैं बेवफा को बेवफाई मिली हैं,
इसलिए मेरे दिल में फिर से ठिकाना चाहती हैं।

हमे लगा हमे देख कर मुस्कुराना सीखा है उन्होंने,
पर वो तो ‘पैसों’ से मुस्कुराया करते थे।

Matlabi Rishte Dhoka Shayari

आग दिल में लगी, जब वो खफा हुए
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।

तेरे धोखे को भुला ना सकेंगे,
चाहे भी तो कभी मुस्कुरा ना सकेंगे।
तुझको तो मिल गया यार अपना,
अपना किसी को हम बना ना सकेंगे।

इस मतलब की दुनिया में,
इश्क सिर्फ दिखावा है,
तुझे भी धोखा मिलेगा यह मेरा दावा है।

धोखा देकर ऐसे चले गए,
जैसे कभी जानते ही नहीं थे,
और अब ऐसे नफरत जताते है,
जैसे प्यार को मानते ही ना हो।

हर हीरा चमकदार नहीं होता,
हर समंदर गहरा नहीं होता,
दोस्तों ज़रा संभल कर प्यार करना,
हर खूबसूरत चेहरा वफादार नहीं होता।

जीवन जीने का मन नहीं करता,
सांस लेने का मन नहीं करता,
तुमसे धोखा खाने के बाद,
कुछ खाने का मन नहीं करता।

हम इश्क़ निभाते रहे,
वो पीठ पीछे मजाक उड़ाते रहे,
जब तक ज़रूरत थी हमारी उन्हें,
तब तक साथ होने का ढोंग दिखातें रहे।

रिश्तों को वक़्त और हालात बदल देते है,
अब तेरा ज़िक्र होने पर हम बात बदल देते है।

बिछड़ कर भी बिछड़ा नहीं हु तुमसे,
अब तो तभी बिछड़ पाऊंगा,
जब साँसे बिछ्ड़ेगी हमसे।

मोहब्बत में कोई जी गया, प्यार में मर गया कोई,
मोहब्बत आग क सागर है, फिर भी उतर गया कोई
प्यार में जखम का हिसाब बहुत पुरान है मेरे दोस्त,
जख्म दे गया कोई, और जख्म भर गया कोई।

बड़ी हसीन थी जिंदगी,
जब ना किसी से मोहब्बत, ना किसी से नफ़रत थी,
जिंदगी में एक मोड़ ऐसा आया मोहब्बत उससे हुई,
और नफ़रत सारी दुनिया से हो गयी।

रिश्ते टूट कर चूर चूर हो गए,
धीरे धीरे वो हमेसा दूर हो गए,
हमारी ख़ामोशी हमारे लिए गुन्हा बन गयी
और वो गुन्हा कर बेकसूर हो गए।

बदनामी के डर से मैं रो भी नहीं पा रहा,
तेरी याद के साये में मैं सो भी नहीं पा रहा,
सोचा के तुझे भूल कर और किसी को याद करू,
पर लाख कोशिशों के बावजूद मैं,
किसी और के ख्यालो में खो भी नहीं पा रहा।

आज तेरे पास हु तो मत कर कदर मेरी,
मेरे बाद तुझे, मेरी कमी समझ आनी है,
मत पूछो क्या दास्ताँ है मेरी, रो पड़ोगे,
कुछ ऐसा किरदार कुछ ऐसी कहानी है।

खूब देखे होंगे आंसू ख़ुशी के तुमने
कभी मिलो हमसे,
तुम्हे गम के हसीं दिखाएंगे।

पढ़ रहा हूँ इश्क़ की किताब,
गर बन गया वकील तो,
दगाबाजों की खैर नहीं।

वो चार दिन क्या मिले,
हम चार दिन जीने के
काबिल ना रहे।

कभी किसी को धोका ना देना,
घुट घुट कर तड़पने का दर्द
ऐसे किसी को ना देना।

धोका तो मैंने खूब खा लिए,
आगे भी अब सह लेंगे,
तू बन किसी और की महबूबा,
अब हम भी जीना सिख लेंगे।

महसूस कर रहे है
तेरी लापरवाहियां कुछ दिनों से,
अगर हम बदल गए तो
मनाना तेरे बस की बात नहीं होगी।

धोखा तो हर किसी को मिलना चाहिए,
जीवन में एक बार वरना कुछ अधूरा सा लगता है।

हम आइना है आइना ही रहेंगे ,
फिक्र वो करे जिनकी शकल में कुछ
और दिल में कुछ है।

लम्हा लम्हा सांसे ख़त्म हो रही है,
जिंदगी मौत के पहलू में सो रही है,
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह,
वो तो जमाने को दिखाने के लिए रो रही है।

बस दिल्लगी थी उसे, हमसे मोहब्बत कब थी,
महफ़िल ए गैर से उन को फुरसत कब थी,
हम थे मोहब्बत में लौट जाने के काबिल,
उसके वादों में वो हकीकत कब थी।

बस कुछ बाते ही लिख पाया हूँ तेरे जाने के बाद,
उनमे भी मुझे कुछ खामी सी लगती हैं,
तेरी हाँ जरुरी थी मेरी ज़िन्दगी के लिए,
तेरा यू मेरी मोहब्बत को ठुकरा जाना,
मुझे मेरी मोहब्बत की नाकामी सी लगती हैं।

आशिकी की हद तो देखो
धोखा मिलने के बावजूद भी
हम उनपे मरते हैं।

मुझे मंज़ूर थे वक़्त के हर सितम
मगर तुमसे बिछड़ जाना
ये सजा कुछ ज़्यादा हो गयी।

फ़र्ज़ अपनी मोहब्बत का
मैं सदा अदा करता रहूंगा ,
तुम हमेशा खुश रहना
उपरवाले से ये दुआ करता रहूंगा।

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