120+ Bhagavad Gita Quotes in Hindi | भगवत गीता के अनमोल वचन

Bhagavad Gita Quotes in Hindi: आज के इस लेख में आपके लिए भगवत गीता के अनमोल वचन हिंदी में लेके आए है। इस तरह की भगवत गीता के अनमोल वचन हिंदी में आपको मिलना मुश्किल है। आप यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते हैं।

Bhagavad Gita Quotes in Hindi

bhagavad gita quotes in hindi

हे अर्जुन मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना,
लोभ लालच बिना एवं निस्वार्थ,
और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

karma bhagavad gita quotes in hindi

मैं हर जीव के ह्रदय में परमात्मा स्वरुप स्थित हूँ,
जैसे ही कोई किसी देवता की पूजा करने की इच्छा करता है,
मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ,
जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर सके।

bhagavad gita karma quotes in hindi

जब आप अपने कार्य मे आनन्द खोज लेते है,
तब वे पूर्णता के साथ किसी और के जीवन की,
नकल कर जीने की तुलना मे अपने आप को,
पहचानकर अपूर्ण रूप से जीना बेहतर है।

gita quotes in hindi

जन्म के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है,
जितना कि जन्म उसके लिए है,
जो मर गया है, इसलिए जो अपरिहार्य है,
उसके लिए शोक मत करो।

bhagavad gita quotes hindi

महापुरुष जो भी कर्म करते हैं,
सामान्य मनुष्य उनके पदचिन्हों पर चलते हैं,
और अनुकरणीय कृत्यों से वह जो भी मानक स्थापित करते हैं,
सारा संसार उनका अनुसरण करता है।

quotes from bhagavad gita in hindi

जो कोई भी चीज किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है,
मैं उसका विश्वास रथी देवता मित्रण कर देता हूं।

life bhagavad gita quotes in hindi

मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया,
मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो।

Karma Bhagavad Gita Quotes in Hindi

bhagwad gita quotes in hindi

आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने ह्रदय से अज्ञान के,
संदेह को काटकर अलग कर दो,
उठो, अनुशाषित रहो।

bhagavad gita motivational quotes in hindi

अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग,
केवल आपकी बुराइयां ही याद रखेंगे,
इसलिए लोग क्या कहते हैं,
इस पर ध्यान मत दो अपने कार्य करते रहो।

ashtavakra gita quotes in hindi

दुःख भोगने वाला आगे चलकर सुखी हो सकता है,
मगर दुःख देने वाला कभी सुखी नहीं हो सकता।

gita motivational quotes in hindi

जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ो को त्याग कर नये कपड़े धारण करता है,
उसी प्रकार आत्मा पुराने तथा व्यर्थ,
के शरीरों को त्याग कर नया भौतिक शरीर धारण करता है।

bhagvad gita quotes in hindi

बुरे कर्म करने वाले सबसे नीच व्यक्ति,
जो राक्षसी प्रवृत्तियों से जुड़े हुए हैं,
और जिनके बुद्धि माया ने हर ली है,
वह मेरी पूजा या मुझे पाने का प्रयास नहीं करते।

bhagwat gita quotes in hindi

जब जब इस धरती पर पाप,
अहंकार और अधर्म बढ़ेगा,
तो उसका विनाश कर धर्म की पुन,
स्थापना करने हेतु,
मैं अवश्य अवतार लेता रहूंगा।

bhagavad gita sadhguru quotes in hindi

जो आत्मा को मारने वाला समझता है,
और जो इसको मरा समझता है वे दोनों ही नहीं जानते हैं,
क्योंकि यह आत्मा न मरता है और न मारा जाता है।

Life Bhagavad Gita Quotes in Hindi

bhagavad gita best quotes in hindi

कर्मों का गणित बड़ा सीधा और सरल है,
कर भला हो भला कर बुरा तो हो बुरा।

bhagavad gita quotes on love in hindi

धरती पर मनुष्य का जन्म किसी विशेष उद्देश्य के लिए होता है,
और जो उस कर्म से वंचित रहता है,उसे मोक्ष नहीं मिल पाता है।

bhagavad gita quotes on karma in hindi

वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्याग ता है,
वह मेरे धाम को प्राप्त होता है इसमें कोई संशय नहीं है।

जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है,
उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं,
कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव मृत्यु के लिए स्मरण किया तो,
श्रीकृष्ण ने भी कंस को मृत्यु प्रदान की,
अतः परमात्मा को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए,
जिस रूप में मानव उन्हें पाना चाहता है।

वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है,
वह मेरे धाम को प्राप्त होता है,
इसमें कोई शंशय नहीं है।

श्रेष्ठ पुरूष को सदैव अपने पद और गरिमा के अनुसार,
कार्य करने चाहिए , क्योकि श्रेष्ठ पुरूष जैसा व्यवहार करेंगे,
तो इन्ही आदर्शो के अनुरूप सामान्य पुरूष,
भी वैसा ही व्यवहार करेंगे।

वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है,
वह शरीर त्यागने के बाद पुन जन्म नहीं लेता,
और मेरे धाम को प्राप्त होता है।

सभी सृजित प्राणी अपनी शुरुआत में अव्यक्त होते हैं,
अपनी अंतरिम अवस्था में प्रकट होते हैं,
और जब वे नष्ट हो जाते हैं तो फिर से अव्यक्त होते हैं,
तो विलाप करने की क्या आवश्यकता है?

अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं,
मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं।

इस संसार में तीन द्वार नरक की ओर ले जाते हैं-काम,
क्रोध और लोभ के द्वार,
इन तीन गुणों से मुक्त होकर व्यक्ति मोक्ष प्राप्त करने,
और उच्चतम लक्ष्य तक पहुँचने में सफल हो सकता है।

Bhagavad Gita Motivational Quotes in Hindi

न तो यह शरीर तुम्हारा है,
और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो,
यह शरीर 5 तत्वों से बना है,
आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश,
एक दिन यह शरीर इन्ही 5 तत्वों में विलीन हो जाएगा।

श्री कृष्ण भगवान ने कहा साधु लोगों का उद्धार करने के लिये,
ओर बुरे कर्म करने वाले लोगों का विनाश करने के लिये,
और धर्म की संस्थापना करने के लिए,
मैं युग – युग में अवतरित होता हूं।

मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान,
की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है, और लगातार तुम्हे बस,
एक साधन की तरह प्रयोग कर के सभी कार्य कर रही है।

आप ख़ाली हाथ आये थे और ख़ाली हाथ ही जाओगे,
आपके कर्म ही आपके जीवन की पूँजी है,
मोह माया को त्याग कर अच्छे कर्मों से जीवन उच्च बनाया जा सकता है।

अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो,
यही सबसे बड़ा सहारा है,
जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है,
वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है।

हजारों लोगों में से, कोई एक ही पूर्ण रूप से कोशिश/प्रयास कर सकता है,
और वो जो पूर्णता पाने में सफल हो जाता है,
मुश्किल से ही उनमे से कोई एक सच्चे मन से मुझे जनता हैं।

मैं सभी प्राणियों का समान रूप से देखता हूँ,
न मुझे कोई कम प्रिय है न अधिक,
लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं,
वो मुझमे निहित हैं और मैं उनके जीवन में आता हूँ।

Ashtavakra Gita Quotes in Hindi

आत्मा ना पैदा होती है और न ही किसी भी समय मरती है,
आत्मा न उत्पन्न होकर फिर होने वाली ही है,
क्योंकि आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत,
सनातन और पुरातन है,
शरीर के मारे जाने पर भी आत्मा नहीं मरती।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है. भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

प्रभु ने कहा: समय [मृत्यु] मैं संसारों का नाश करने वाला हूं,
जो सभी को नष्ट करने आया हूं,
आपके भाग लेने के बिना भी [दो],
विरोधी रैंकों में शामिल सभी लोग मारे जाएंगे।

देहधारी आत्मा अविनाशी, अविनाशी और अनंत है,
केवल भौतिक शरीर ही वास्तव में नाशवान है,
इसलिए हे अर्जुन से युद्ध करो।

एक इंसान जैसे पुराने वस्त्रों को त्यागकर नये वस्त्रों को ग्रहण करता है,
वैसे ही जीवात्मा पुराने जीर्ण शरीर को त्याग कर नये शरीर को प्राप्त होती है।

मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए,
जैसे – विद्यार्थी का धर्म विद्या प्राप्त करना,
सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि,
जिस मानव का जो कर्तव्य है,
उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए।

आत्मा किसी काल में भी न जन्मता है और न मरता है,
और न यह एक बार होकर फिर अभावरूप होने वाला है,
आत्मा अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है,
शरीर के नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता।

प्रकृति की शक्ति और शक्ति से सभी कार्य हो रहे हैं,
लेकिन अहंकार के मोह के कारण लोग अपने आप को कर्ता मान लेते हैं।

Gita Motivational Quotes in Hindi

आत्मा किसी भी शस्त्र से नहीं काटी जा सकती है,
और न ही आत्मा को आग जला सकती है,
इसको जल नहीं गला सकता है,
और वायु आत्मा को नहीं सूखा सकती है।

एक उपहार तभी अलसी और पवित्र है,
जब वह हृदय से किसी सही व्यक्ति को सही समय,
और सही जगह पर दिया जाये और जब उपहार देने,
वाला व्यक्ति दिल में उस उपहार के बदले कुछ पाने की उम्मीद ना रखता हो।

तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया,
तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया,
जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा,
क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।

मैं सभी प्राणियों को एकसमान रूप से देखता हूं,
मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा,
लेकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते है,
वो मेरे भीतर रहते है और में उनके जीवन में आता हूं।

वह मैं हूँ, जो सभी प्राणियों के दिल/ह्रदय में उनके नियंत्रण के रूप में बैठा हूँ,
और वह मैं हूँ, स्मृति का स्रोत, ज्ञान और युक्तिबाद संबंधी,
दोबारा, मैं ही अकेला वेदों को जानने का रास्ता हूँ,
मैं ही हूँ जो वेदों का मूल रूप हूँ और वेदों का ज्ञाता हूँ।

तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो,
तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया,
तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया,
तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया,
जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा,
क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है।

श्रीमद भागवत गीता का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण करना है,
इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सदैव,
मानव कल्याण की ओर अग्रसरित रहना चाहिए।

यदि आप निःस्वार्थ भाव से कर्म करते हैं,
तो आप अपने आप को इच्छाओं के बंधन से,
मुक्त करने में सक्षम होंगे।

इंद्रियां शरीर से ऊंची हैं, मन इंद्रियों से ऊंचा है,
मन के ऊपर बुद्धि है और बुद्धि के ऊपर आत्मा है,
इस प्रकार, जो सर्वोच्च है उसे जानकर,
आत्मा को अहंकार पर शासन करने दें,
स्वार्थी इच्छा वाले भयंकर शत्रु का वध करने के लिए,
अपनी शक्तिशाली भुजाओं का प्रयोग करें।

उम्मीद करते है की, आपको यह हमारा भगवत गीता के अनमोल वचन आपको जरूर पसंद आया होगा। आप हमारा यह लेख अपने मित्रो के साथ साझा कर सकते है, और हमें कमेंट में बता सकते है आपको हमारा यह लेख कैसा लगा।